Blog | mental-well-being | अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए दैहिक सुख कितना ज़रूरी है?

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सुलोचना एक अच्छे जीवन साथी की तलाश में थी | एक पढ़ी लिखी लड़की थी | एक मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत थी | बस उम्र भाग रही थी | ३० की पार हो गयी थी | अब मैट्रिमोनियल साइट्स पर जाकर रोज़ एक नया प्रोफाइल चेक करती थी | कंपनी में तो सुलोचना दी के नाम से प्रसिद्ध थी | बस एक अदद लड़का "सॉरी " मुंडा चाहिए था | आज उसकी मुरारी के साथ मीटिंग फिक्स हुई थी | ३५ साल का मुरारी एक कंपनी में हेड ऑफ़ था डिपार्टमेंट था | बस सर पर बाल थोड़े कम थे | अपने माँ पापा का दूसरे नंबर का लड़का था | आज सुलोचना बहुत सज धज कर , सफ़ेद रंग का कुरता और लाल रंग का दुपट्टा लेकर रेस्टोरेंट में पहुँची | मुरारी पहले से ही उसका इंतज़ार कर रहा था | हाथ में गुलाब लेकर | सुलोचना बहुत खुश हो गयी | दोनों की आँख मिली और दोनों एक दूसरे में खो गए | अब सुलोचना और मुरारी के बीच व्हॉट्स उप कॉल्स और मेस्सगेस शुरू हो गए | जैसे पहले पहले तो कैसी हैं आप ? खाना खाया ? फिर थोड़े रोमांटिक मेसेजस शुरू हो गए | क्या पहना आपने ? और फिर प्यार का इज़हार -आई लव यू | अब दोनों की शादी हो गयी | पहले पहले बहुत रोमांटिक रहा | दोनों एक दूसरे की फिजिकल नीड का ध्यान रखते | एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए दैहिक सुख बहुत ज़रूरी है | दोनों एक दूसरे की मसाज करते और दैहिक सुख का आनंद लेते | पर अब शादी के कुछ महीनों बाद यह परिक्रिया बंद हो गयी | मुरारी टूर पर रहने लग गया | सुलोचना अकेले बिस्तर पर रात में करवट बदलती रहती | अब सुलोचना का मन किसी काम में नहीं लगता | मुरारी को वह व्हॉट्स उप करती रहती, कहाँ हो ? क्या कर रहे हो ? फिर धीरे धीरे उसे बिस्तर काटने को दौड़ पड़ा | अब उसे अपनी दैहिक ज़रुरत पूरी करने के लिए कोई चाहिए था | उसके पास एक मैसेज आया | "क्या आप अकेली है ?" एक साथी की तलाश है ? तो सुलोचना ने हाँ कर दी | वो एक बहुत बड़ा धोखा था | उसको नहीं पता था वो किस दलदल में फसने वाली है | फिर उसके पास एक नंबर आता है -और बातें शुरू हो जाती है | वो बातें कब अश्लीन बातों में बदल जाती हैं , सुलोचना समझ ही नहीं पाती | फिर उसके पास कुछ अश्लीन वीडियोस आने शुरू हो जाते हैं | और उसको एक जगह बुलाया जाता है, जहाँ उसे एक आदमी मिलता है, जो उससे बातें करता है, और चाय ऑफर करता है | चाय में कुछ दवा मिलाता है, जिससे वो बेहोश हो जाती है | और वो उसके साथ सबकुछ करते हैं, जो कि नहीं करना चहिये था | और उसका अश्लील वीडियो भी बना लेते हैं | जब सुलोचना को होश आता है, कि सबकुछ ख़त्म हो चुका है | वह चुपचाप घर चली जाती है | फिर उसके फ़ोन पर एक ममस आता है, जो की उसके और उस आदमी का होता है | वह बहुत घबरा जाती है, फिर उसके फ़ोन की घंटी बजती है -" हेलो मैडम कैसा लगा वीडियो ?' अगर इसको वायरल नहीं करवाना चाहती हो तो चुपचाप जैसा मैं कहता हूँ वैसा करो | वह बहुत दुःखी हो जाती है | लेकिन अब वो पूरी तरह से फँस चुकी थी | उसे समझ नहीं आ रहा था, कि क्या करें ? सुबह की चिड़िया की चहचहाट के साथ उसकी आँख खुली | उसने देखा एड्रेस और लोकेशन आया हुआ था | उसने ऑफिस से छुट्टी ली, और उस एड्रेस पर पहुँच गयी | वहाँ पर एक लेडी बैठी हुई थी, उसने कहा कि - आपको एक एस्कॉर्ट का काम करना होगा | आपके वीडियोस और फोटोज क्लाइंट्स को पसंद आये हैं | आपको पैसा और बहुत सारा पैसा मिलेगा | आपका नाम गुप्त रखा जायेगा | आप अपने आपको बचाना चाहतीं हैं ,तो यह काम करना पड़ेगा | सुलोचना बहुत घबरा गयी | पर उसने मुरारी को नहीं बताया घबराहट में | और उस दलदल में फ़स गयी | और अब वो एक एस्कॉर्ट बन गयी थी | मुरारी वापस आ गया | उसको २ महीने के लिए छुट्टी सैंक्शन हो गयी थी | अब मुरारी सुलोचना की सारी शिकायतें दूर कर देना चाहता था | पर सुलोचना अपनी ही कैद की हुई दुनिया में कैद थी | वो बहुत दुबली हो गयी थी | अब वो सिर्फ डिप्रेशन में रहती थी | मुरारी से भी ठीक से बात नहीं करती थी | एक दिन मस्ती में मुरारी ने उसका फ़ोन ले लिया और कुछ मेसेजस पढ़ लिए | उसे बहुत शॉक हुआ | उसने उसका पीछा किया | वह नताशा के नाम से एक एस्कॉर्ट बन चुकी थी | मुरारी के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी | उसने घर आकर सुलोचना से पूछा -"तो वो बोली -आप बाहर रहते थे, मैं अकेली बहुत मिस करती थी आपको, और इस जाल में फ़स गयी |" मुरारी ने खुद को दोषी बताया | सुलोचना आ ज खुल कर रोई | आज सबकुछ बता कर उसे बहुत हल्का महसूस हो रहा था | मुरारी का एक दोस्त क्राइम ब्रांच में था -उसने उसे सारी बात बताई | क्राइम ब्रांच वाले लग गए खोज करने में | उस नंबर का खुलासा हुआ कि उस रैकेट में कई लोग इन्वॉल्व थे | सुलोचना की कल्लेगे जैस्मिन उस गिरोह में थी | उसी ने सुलोचना का नंबर शेयर किया था | अब धर पकड़ शुरू हुई | मास्टर माइंड सुलोचना का एक्स बॉस निकला | इस दलदल से निकलने के लिए सुलोचना को कई इम्तेहान देने पड़े | लेकिन आज वो एक खुश हाल जीवन निर्वाह कर रही है -सिर्फ अपने पार्टनर की वजह से | अगर उसका मुरारी समझदार न होता तो क्या होता ? सोचने वाली बात है कि दैहिक सुख़ ज़रूरी है या नहीं ? शायद हाँ |

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